Tuesday, 16 July 2024

उलझ में जान्हवी कपूर, गुलशन देवैया और रोशन मैथ्यू का दमदार अभिनय

जंगली पिक्चर्स द्वारा "उलझ" का मनोरंजक ट्रेलर रिलीज़ किए जाने के साथ ही इंतज़ार खत्म हो गया है. फिल्म में, जान्हवी कपूर, गुलशन देवैया और रोशन मैथ्यू नज़र आएंगे. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुधांशु सरिया द्वारा निर्देशित "उलझ" दर्शकों को अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमेसी वाली दुनिया में ले जाती है.

इस रोमांचक कहानी में, जान्हवी कपूर ने सुहाना का किरदार निभाया है. वह लंदन दूतावास में अपने महत्वपूर्ण कार्य के दौरान एक विश्वासघाती व्यक्तिगत साजिश में उलझी हुई एक युवा राजनयिक है. जैसे-जैसे वह अपने करियर की जटिलताओं से निपटती है, वह खुद को अपनी विरासत के बोझ और धोखे के जाल में उलझी हुई पाती है, जहाँ हर सहयोगी दुश्मन हो सकता है. जान्हवी कपूर का किरदार और उनके एक्शन दर्शकों के लिए रोमांच की एक अलग ही दुनिया ले कर आते हैं, जिससे यह फिल्म उनके फैन्स के लिए मस्ट वाच हो जाती है. 

ट्रेलर में इंटेंसिटी है, जिसमें जान्हवी, गुलशन और रोशन के बेहतरीन अभिनय को दिखाया गया है. हर किरदार ग्रे शेड्स से भरा हुआ है, जो सस्पेंस और अप्रत्याशित ट्विस्ट की रोलरकोस्टर राइड का वादा करता है 

दर्शक दिल को थामने वाले पलों और सीट से चिपके रहने वाले ड्रामा की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि "उलझ" जाल, साजिशों और विश्वासघात की एक मनोरंजक कहानी को सामने लाती है. अपनी आकर्षक कहानी और शानदार अभिनय के साथ, यह फिल्म बिलकुल अलग तरह के सिनेमाई अनुभव देने का वादा करती है.


जान्हवी कपूर ने फिल्म में अपनी भूमिका के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा, "यह फिल्म मेरे लिए विशेष रूप से खास है क्योंकि मैं पहली बार एक राजनयिक की बहुत ही चुनौतीपूर्ण भूमिका निभा रही हूँ. यह एक आकर्षक अनुभव रहा है. सुधांशु सरिया के साथ काम करना अविश्वसनीय रूप से समृद्ध करने वाला रहा है. उन्होंने मुझे अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. सुहाना का किरदार मजबूत और बहुआयामी है. मुझे किरदार के कुछ पहलुओं से व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस हुआ जिसने मुझे एक प्रामाणिक परफोर्मेंस देने में सक्षम बनाया."

निर्देशक सुधांशु सरिया कहते हैं, "उलझ आखिरकार विकल्पों की पहेली के बारे में है और इसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति वाली दुनिया में स्थापित करना इसे और अधिक रोमांचक बनाता है. जान्हवी, गुलशन और रोशन के नेतृत्व में इन शानदार कलाकारों का निर्देशन करना एक शानदार अनुभव रहा है.वे सभी अपने किरदारों में गहराई लेकर आए हैं और कहानी को ऊपर उठाया है. मैं जानता अहूँ कि दर्शक इस रोमांचक ट्विस्ट और टर्न से भरपूर फिल्म देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते." 

जंगली पिक्चर्स की सीईओ अमृता पांडे ने टिप्पणी की, "सुधांशु के निर्देशन में उलझ दर्शकों को सस्पेंस और ड्रामा का एक आकर्षक मिश्रण प्रदान करती है. हमारा मानना है कि जान्हवी ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया है. फिल्म की तकनीकी टीम ने फिल्म को नया और प्रामाणिक बनाने के लिए बहुत मेहनत की है. हम 2 अगस्त को इस आकर्षक कहानी को बड़े पर्दे पर लाने के लिए उत्सुक हैं."

फिल्म में आदिल हुसैन, राजेश तैलंग, मेयांग चांग, राजेंद्र गुप्ता और जितेंद्र जोशी ने भी दमदार अभिनय किया है. परवेज शेख और सुधांशु सरिया द्वारा लिखित और अतिका चौहान के संवादों के साथ, "उलझ" 2 अगस्त, 2024 को रिलीज़ होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

https://bit.ly/Ulajh-OfficialTrailer

Sunday, 16 June 2024

‘मैं तुम में कैद परिंदा हूं’ - बरेली के गीतकार जेपी गंगवार की नई किताब

जे.पी.गंगवार का जन्म 15 जनवरी 1970 को देवीदास गंगवार और कलावती गंगवार के घर, गांव धिमनी - पोस्ट- धौरां जिला बरेली में हुआ था। आपकी प्रारंभिक शिक्षा धौरा व बरेली में हुई। जेपी ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, बी. ई. सिविल एम. एस. बिडवे इंजीनियरिंग कॉलेज लातूर से किया। 
जेपी को लेखन का शौक बचपन से था। मुम्बई में शुरुआती दिनों में उन्होने कई भजन लिखे जिन्हें भजन सम्राट अनूप जलोटा, वैशाली सामंत, स्वप्निल बांडोडकर ने आवाज दी थी। 
उनकी लिखी दो गजलों को प्रसिद्ध गज़ल गायक जाज़िम शर्मा ने अपनी एल्बम लफ्जों के दरमियान में गाया है। वर्तमान में आप महाराष्ट्र सरकार में इंजीनियर हैं और दिल्ली महाराष्ट्र सदन में रेजिडेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत है।

जे. पी. गंगवार की नई किताब  ‘मैं तुम में कैद परिंदा हूं’ आपके हाथों में है। इसे पढ़िए और मन के किसी कोने में मौजूद अपनी परिंदगी और परवाज को महसूस करिए। 

72 पेज की किताब  में जेपी ने गीतनुमा काव्यात्मक अभिव्यक्ति ज़ाहिर की हैं। उनकी रचनाओं को विशुद्ध साहित्य की कसौटी पर रख कर परखना सही नहीं होगा। उन्हें पढ़ते हुए फिल्मी प्रेम गीत पढ़ने जैसा ही भाव मन में आता है। अगर इन्हें संगीतबद्ध किया जाए, तो सुनने में ज्यादा आनंद आ सकता है। 

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रेम की कोमल भावनाओं को याद कर पाने की फुर्सत जे. पी. गंगवार निकालते रहे हैं, तो यही बड़ी बात है। याद कर पाने की ही फुर्सत नहीं, बल्कि सरकारी नौकरी में रहते हुए प्रेम के अंतरंग भावों को उन्होंने कागज पर उतारने का समय भी निकाला है ।

प्रेम की बहुत गूढ़ भंगिमाओं को विभिन्न बिंबों और प्रतीकों से पूरी कोमलता से महसूस कर पाना और उन्हें हू-ब-हू उतार पाने का माद्दा वैसे भी आज के दौर में बहुत कम दिखाई देता है।

ऐसे में जेपी गंगवार  ने सपाट बयानी में ही सही, अपना बहुत निजी दर्द, अपने बहुत से ऐहसासात को इस संकलन में उड़ेलने की कोशिश है, संकलन में देशभक्ति परक दो रचनाएं भी हैं।  

शीघ्र ही उनके लिखे गाने फिल्मों में भी सुनाई देंगे।