
आगरा में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मजाज़ का अलीगढ़ के उसी कालेज में दाखिला होता है जिसमें नाज़िया पढ़ती है। दोनों कीमुलाक़ात परवान चढ़ती है और बचपन की मुहब्बत शादी तक बढ़ती है दोनों के घरवाले भी इस रिश्ते के लिए तैयार है । बस नाज़ियाके पिता की एक शर्त होती है शादी की और वो यह कि मजाज़ की जब अच्छी नौकरी लग जायेगी तभी दोनों की शादी होगी। मजाज़की ऑल इंडिया रेडियो दिल्ली में एक पत्रिका के संपादक के रूप में नौकरी लग जाती है। लेकिन मजाज़ के कुछ अलग रवैये की वजह सेजल्दी ही उसकी नौकरी छूट जाती है और बस फिर क्या होता है नाज़िया का निकाह उसके पिता किसी अमीर लड़के से कर देते हैं।
क्या होता है नाज़िया के निकाह के बाद ? क्या फिर कभी नाज़िया और मजाज़ मिल पाते हैं ? या मुहब्बत ऐसे ही दम तोड़ देती है यादोनों प्रेमी मिल जाते हैं ?
