जब हम लोग फिल्म 'एयरलिफ्ट' की शूटिंग राजस्थान में कर रहे थे उस समय प्रोड्यूसर विक्रम मल्होत्रा आये और उन्होंने मुझसे पूछा की एक अंग्रेजी फिल्म है 'शेफ' आपने देखी है? मैं उनसे कहा की हाँ मेरी देखी हुयी
जबरदस्त फिल्म है .
फिर आगे क्या हुआ ?उन्होंने मुझसे पूछा की अगर उसके राइट्स वो लें तो क्या मैं बनाऊंगा. मैं हक्का बक्का रह गया. और उनसे
थोड़ा टाइम लिया . फिर मैं,रितेश और सुरेश (मेरी लेखक टीम) के साथ बैठकर इसकी कहानी पर काम किया, क्योंकि हमें फ्रेम तो फ्रेम वो वाली फिल्म नहीं बनानी थी.
फिल्म की खासियत क्या है ?
हमने सिर्फ रिलेशनशिप ,खाना और जर्नी को मद्देनजर रखा. इस तरह से शेफ की जर्नी शुरू हुयी. काम से प्यार, प्यार से काम में सबकुछ रह गया, यही इस फिल्म का मुद्दा है. एक इंसान जिसने सबसे ऊपर अपने काम को रखा है.
फिल्म की यूएसपी क्या है ?
इस फिल्म के बाद आप जिंदगी के बारे में सोचना शुरू कर देंगे. काम और पर्सनल लाइफ के बारे में जरूर सोचेंगे.
सैफ को कैसे लिया गया?
जब विक्रम ने मुझसे पूछा की लीड रोल कौन प्ले कर सकता है ,तो मेरे मुँह से झट से 'सैफ अली खान' का नाम निकला. क्योंकि सैफ का स्टारडम अप्रोच करने लायक है जिससे डर नहीं लगता. टॉप शेफ का काम करने के लिए वो फिट थे.
शेफ की जिंदगी फिल्म में कैसी है ?
शेफ की जिंदगी में काम के हिसाब से सबकुछ है लेकिन परिवार में वाइफ ने तलाक ले लिया है और बेटा बात नहीं करता. ये सब कुछ एक पिता के तौर पर सैफ जरूर निभा सकते थे.
फिल्म की शूटिंग कहाँ कहाँ हुयी ?
पिक्चर न्यूयॉर्क में शुरू होती है, लेकिन ज्यादातर हिस्से केरल में शूट किया गया है. केरल में इसलिए हमने शूट किया उसके बाद गोवा,अमृतसर और दिल्ली में शूट की.
फ़ूड ट्रक के बारे में बताएं ?
वो ट्रक हमने पूरा बनाया है. डबल डेकर बस है, उसकी छत को निकाल करके लाइव किचन बनाया. 3 महीने में ट्रक बनकर आयी.
अपकमिंग :
मैं 2 स्क्रिप्ट पर काम कर रहा हूँ , देखिये कौन सा काम आगे स्टार्ट करता हूँ.

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