इसकी नींव बहुत पहले विक्रम सर ने रख दी थी. मैंने सर के साथ हॉरर स्टोरी फिल्म की थी. उस समय सर ने कहा की ये लांच नहीं है लेकिन अच्छी फिल्म है. फिल्म के बाद मैंने टीवी के शो गुमराह, रोडीज में काम किया. विक्रम सर को मेरे काम के बारे में पता था.
और 1921 कैसे मिली ?

शूटिंग के बारे में बताइये ?
हमने यॉर्कशायर में ही पूरी फिल्म शूट की है, जहां कई ऐसी घटनाएं घटी, जिसकी वजह से डर भी लगता था, फोटो में अलग लाग चेहरे भी आ जाते थे.
मुबारकां कैसे मिली ?
मैं रोडीज और टीवी के शो कर रहा था, उस समय अनीस भाई (अनीस बज्मी) का कॉल आया , और बड़ा ही तगड़ा रोल था, वो पंजाबी लड़के की कहानी थी , और उस समय मैंनेअनीस भाई को हाँ कहा, और मुबारकां में अर्जुन बन गया. उसके पूरा होने के 20 -25 दिन बाद 1921 शुरू हो गयी.
डर लगता है किसी चीज से ?
दुखी होने से डर लगता है. मैंने जिंदगी में बहुत सारे उतार चढ़ाव देखें हैं. मेरे पिताजी ने 200 रुपये से शुरुआत की थी, घर में मैं सबसे छोटा था , हमारी 750 फैक्ट्री भी बंद हो गयीथी. तो मैंने वो दौर भी देखा है. इसलिए ख़ुशी बहुत जरूरी है. रीयल इंसान आपके इर्द गिर्द होना बहुत जरूरी है.
शूट एन्जॉय करते हैं ?
फिल्में या टीवी के शो करता हूँ, पैक के बाद तुरंत घर और फॅमिली के पास चला जाता हूँ.
डैड की कोई बात याद आती है ?
जी वो हमेशा कहते थे की तू कुछ भी करेगा, पर भूखा नहीं मरेगा. काम और फॅमिली के साथ आगे बढ़ता जा रहा हूँ.
जरीन के साथ काम करना कैसा रहा ?
बहुत ही अच्छा अनुभव था और काफी बातें सीखने को मिली.

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