जब मुझे फिल्म"जूली" के बारे में मेरे कैमरामैन रेड्डी सर ने बताया तो मैं उस वक्त सिंगापुर में थी ,जूली फिल्म का नाम आते ही मुझे नेहा धुपिया की याद आयी, लेकिन मैंने कहानी सुनना पसंद किया. फिर वापिस आकर दीपक जी (डायरेक्टर )से मुलाक़ात की. दीपक जी ने मेरे बारे में रिसर्च कर रखी थी हालांकि उन्होंने मेरी कोई भी फिल्म देखी नहीं थी. दीपक जी ने कहानी सुनाने से पहले ही निर्धारित कर लिया था की मैं उनकी फिल्म कर रही हूँ. उनके कहानी सुनाने का ढंग मुझे बेहद पसंद आया.जूली की कहानी ज्यादातर मुझे खुद की कहानी लग रही थी. फिल्म को मैं फील कर पा रही थी. फिर मैं घर गयी और खुद से पूछा की क्या मुझे यह बोल्ड फिल्म करनी चाहिए? आजकल दर्शक भी रीयल स्टोरीज पसंद करते हैं. मैंने सोचा की इस फिल्म में मैसेज है.
महेंद्र सिंह धोनी --
(हसते हुए) . मेरी फिल्म के बारे में बात करिये , बीते हुए कल की बोरिंग बातें ना करें.
इंडस्ट्री की सच्चाई :
वैसे कास्टिंग काउच का जब भी जिक्र होता है तो फिल्म स्टार्स का ही नाम आता है. जबकि ये वाकया हर लड़की के साथ अलग अलग जगहों पर होता है. यह सब उस लड़की के ऊपर निर्भर करता है की वो क्या चाहती है. इंडस्ट्री में जो भी होता है,कॉमन होता है. सबका टॉपिक एक ही होता है, बस अप्रोच अलग होती है. दीपक जी ने जो भी कहानी
लिखी है एकदम सटीक और रीयल है. दीपक जी ने बहुत ही उम्दा शूट किया है. ऑडिएंस को लगेगा की मैं नंगी हूँ, लेकिन मैंने कपडे पहने हुए हैं, शूटिंग बहुत ही बढ़िया की गयी है.
कॉम्पिटिशन :
मैं किसी के कॉम्पिटिशन के लायक नहीं हूँ. मैं अपने काम से ही प्रतिस्पर्धा करती हूँ, जितनी फिल्में आजकल बनती हैं
उसे देखकर लगता है की एक दिन पर एक से ज्यादा फिल्में रिलीज जरूर होगी . आजकल कंटेंट इम्पोर्टेन्ट हैं. शेफ और अक्सर 2 भी एक ही दिन आ रही हैं.
बॉलीवुड का सपना :
कौन खांस (आमिर खान, सलमान खान, शाह रुख खान) के साथ काम नहीं करना चाहेगा. मेरे सब फेवरिट हूँ. स्कूल में
मुझे शाह रुख का काम पसंद था, थोड़ी बड़ी होने पर सलमान खान की फिल्में अच्छी लगने लगी, फिर आमिर की फिल्में देखकर बहुत ज्यादा रिस्पेक्ट आने लगा. इन सभी स्टार्स ने बहुत मेहनत की है और आज स्टार हैं. सबकी अपनी जर्नी
रही है , देखिये मेरी तकदीर मुझे कहाँ ले जाती है.
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